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लेखनी कहानी -29-Sep-2023 फॉर्म हाउस

फॉर्म हाउस भाग 9

पवित्रा का भंडाफोड़ हो चुका था । अब शक की कोई गुंजाइश नहीं थी । पूजा ही पवित्रा थी । अब यह भी सिद्ध हो चुका था कि वीरेंद्र और पवित्रा के बीच संबंध किस प्रकार के हैं । वीरेंद्र ने झूठ बोला था कि वह शराब लेने के लिए गया था और सीधे ही फॉर्म हाउस वापस लौटा था जबकि हकीकत यह थी कि वह पवित्रा को लेकर हजरतगंज स्थित अपने मकान पर भी गया था और उसके हाथ में एक बैग भी था । ऐसी स्थिति में वीरेंद्र के बयान विश्वसनीय नहीं रह गये थे । इन बदली हुई परिस्थितियों में हीरेन ने अदालत से कहा कि उस रात घटी घटना की वास्तविक जानकारी के लिए रिषिता से पूछताछ करना जरूरी है।  इसलिए उसे विटनेस बॉक्स में बुलाना आवश्यक है । अदालत ने इसकी अनुमति प्रदान कर दी । रिषिता को विटनेस बॉक्स में लाया गया और हीरेन ने उससे पूछताछ प्रारंभ कर दी ।  "उस रात क्या घटना घटी , सच सच बताइए" ।  "उस दिन राज का फोन आया था और वह कहने लगा कि उसे मेरी बहुत याद आ रही है इसलिए वह तुरंत लखनऊ आ जाये । उसने वहीं से एक गाड़ी अरेंज कर दी थी । मैं आधे दिन की छुट्टी लेकर लखनऊ आ गई । यहां आते आते रात हो गई थी और आठ बज गए थे । उस रात बहुत जोर की बरसात हो रही थी । राज को बरसात में भीगने का बहुत शौक था इसलिए उसने मुझे भी जबरदस्ती खींचकर बरसात में भिगो दिया । हम लोग बहुत देर तक रेन डांस करते रहे । फिर उसने स्विमिंग के लिए कहा । बरसात में स्विमिंग करने का मेरा पहला अनुभव था लेकिन मुझे स्विमिंग पूल में बहुत आनंद आ रहा था । रात के 11 बज गये थे । हम लोग स्विमिंग करते करते थक भी गये थे । इसीलिए कमरे में आकर "पीने" बैठ गए थे ।

राज उस रात पूरे मूड में थे और खूब पीये जा रहे थे । अचानक शराब खत्म हो गई तब उन्होंने वीरेंद्र को बाजार से शराब लाने के लिए भेज दिया । अब हम दोनों उस फॉर्म हाउस में अकेले रह गये थे । शराब का नशा भी चढ गया था इसलिए राज बहकने भी लगे थे । फिर उस रात कमरे में जमकर बरसात हुई । बाहर भी बरसात और अंदर भी बरसात हो रही थी । बड़ा अद्भुत आनंद था । इसके पश्चात प्राकृतिक अवस्था में ही राज मुझे बाथरूम में ले गया । हम दोनों मस्ती करते हुए शॉवर लेने लगे । साबुन से बाथरूम का फर्श चिकना हो गया था । पता नहीं कैसे राज स्लिप कर गये और उनके पैर में फ्रेक्चर हो गया । मैं बहुत घबरा गई थी । राज खड़े नहीं हो पा रहे थे और दर्द से कराह रहे थे । मैं उन्हें घसीटकर बड़ी मुश्किल से कमरे तक लाई और बाद में उन्हें पलंग पर लिटा दिया । मैंने डॉक्टर को बुलाने के लिए कहा तो राज ने मना कर दिया और कहा कि मेरे जाने के पश्चात डॉक्टर बुलवा लेंगे । मैं विवश होकर मूक दर्शक बनी रही और कुछ नहीं कर पाई थी ।

तब उन्होंने कहा कि एक पेन किलर टेबलेट दे दो । फॉर्म हाउस में उन्होंने एक मेडीकल किट रख रखा था । मैंने उसमें से एक पेन किलर टेबलेट उन्हें दे दी और उनके पैर में पट्टी भी बांध दी थी । तब रात के लगभग पोने दो बज गए थे । राज दर्द से लगातार कराह रहे थे और मैं रोए जा रही थी । तब राज ने कॉफी की डिमांड की । मुझे किचिन का कोई आइडिया नहीं था लेकिन राज ने थोड़ा गाइड किया तो मैं कॉफी बनाने किचिन में चली गई । जब मैं कॉफी बनाकर लाई तो मैंने देखा कि राज शांत लेटे हैं । मुझे लगा कि राज सो गये हैं मगर उनका मुंह खुला हुआ था , आंखें भी खुली हुई थी । मैं एकदम से घबरा गई और मैंने राज को कई आवाजें लगाई मगर राज ने कोई उत्तर नहीं दिया । तब मैंने उन्हें हाथ लगाया तो पता चला कि राज मर चुके थे । मैं बुरी तरह घबरा गई थी । मैं जोर से चिल्लाई मगर मेरी चीख फॉर्म हाउस में ही कैद होकर रह गई थी । मुझे कुछ समझ में नहीं आया कि राज को अचानक क्या हुआ था ? कैसे उनकी मौत हो गई ? उसी घबराहट में मैं घर से निकल गई" । रिषिता अदालत में रोने लगी ।

अदालत का माहौल भी बहुत भावुक हो गया था । सबकी आंखें नम हो गई थीं । अदालत में थोड़ी देर खामोशी व्याप्त हो गई थी । उसके बाद हीरेन ने रिषिता से पूछा  "पुलिस रिपोर्ट में आलमारी और लॉकर खुला हुआ बताया गया है । लॉकर में डिजीटल लॉक लगा हुआ था जो एक पासवर्ड से ही खुल सकता था । क्या वह लॉकर राज ने तुम्हारे सामने खोला था ? यदि हां तो क्यों" ?  "हां, लॉकर मेरे सामने ही खोला था । राज और मेरी मुलाकात को लगभग दो साल हो गये थे । मैं चाहती थी कि अब हमारी शादी हो जानी चाहिए इसलिए मैंने राज पर शादी का दबाव बनाया तब राज मुझे लॉकर तक लेकर आये और लॉकर खोलकर कहने लगे कि ये सब मेरा है । आज से ये सब तुम्हारा है । यदि और चाहिए तो और दे दूंगा , पर मुझे शादी के लिए फिर मत कहना । इस बात पर मुझे गुस्सा आ गया और मैंने एक थप्पड़ राज के गाल पर रसीद कर दिया तथा यह भी कहा कि मुझे ऐसी वैसी मत समझना। मैंने कोई पैसों के लिए प्यार नहीं किया है । तब राज ने सॉरी बोला था" ।

हीरेन ने तब जज से कहना शुरू किया  "रिषिता के बयानों के अनुसार जब वह कॉफी बनाने के लिए किचिन में गई थी तब तक राज मल्होत्रा जीवित थे लेकिन उसके कॉफी बनाकर लाने से पहले उनकी मृत्यु हो चुकी थी । पुलिस की फोटोग्राफी में भी दो मग कॉफी से भरे हुए दिखाई दे रहे हैं जो रिषिता की बातों को सही ठहरा रहे हैं । रिषिता ने यह भी बताया है कि लॉकर स्वयं राज ने ही खोला था । उनके अलावा वह लॉकर और कोई खोल भी नहीं सकता था । लॉकर खोलने के बाद जो घटनाऐं घटीं उसमें राज लॉकर बंद करना भूल गये और किसी ने उस अवसर का फायदा उठाया और लॉकर पूरा साफ कर दिया । इससे यह स्पष्ट है कि उस रात उस फॉर्म हाउस में एक या अधिक व्यक्ति और मौजूद थे जिन्हने राज मल्होत्रा का कत्ल किया था और लॉकर में रखे पैसे तथा गहने निकालकर ले गया था । अब प्रश्न यह उठता है कि वह व्यक्ति कौन था ? क्या वह व्यक्ति पवित्रा थी, वीरेन्द्र था या कोई और ? वह चाहे जो कोई हो पर इतना तो तय है कि राज मलहोत्रा का खून रिषिता ने नहीं किया था" ।

हीरेन के इस कथन से अदालत में सनसनी फैल गई । जो केस बड़ा आसान सा लग रहा था वह अब बहुत कॉम्प्लीकेटेड होता जा रहा था । लीना मलहोत्रा की बेचैनी भी बढती जा रही थी । एक साल के पश्चात भी वह राज मल्होत्रा के कातिल को सजा नहीं दिलवा पाई थी यद्यपि वह एक बहुत बड़ी वकील थी । उसे न्याय व्यवस्था से बहुत निराशा हुई । इस व्यवस्था में न्याय मिलना कितना मुश्किल है, यह उसे अब महसूस हो रहा था  शेष अगले भाग में  श्री हरि  8.10.23

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5 Comments

RISHITA

13-Oct-2023 12:46 PM

Amazing

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hema mohril

09-Oct-2023 07:38 PM

Awesome

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Anjali korde

09-Oct-2023 11:30 AM

V nice

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